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Data Security Kya hai?

 

Data Security Kya hai?

दोस्तों आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से आपको डाटा सिक्यूरिटी के बारे में बताने जा रहे है, यह टॉपिक आपके Digital लाइफ के लिए बहुत आवश्यक हो सकता है| क्युकी आज कल Digital वर्ल्ड में लगभग हम सभी लोग औसतन 5 से 6 hours अपने कंप्यूटर, मोबाइल, या इन्टरनेट से जुड़े ही रहते है जिसमे हम काफी अनजान गतिविधियों का भी प्रयोग करते है जिसकी वजह से हमें कभी कभार नुकसान भी उठाना पड़ जाता है, और इस नुकसान की भरपाई शायद ही हो पाती है, क्युकी Digital वर्ल्ड की नॉलेज हमें कम ही होती है और Digital सिस्टम एक जाल या यू कह ले की एक भूल भुलैया जैसा होता है| यदि हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते है तो हमें अपने डाटा और प्राइवेसी को लेकर सतर्क रहना चाहिए | आज हम इससे जुडी हुई कुछ आवश्यक जानकारी के बारे में बताने जा रहे है |


Data Encryption:

 Encryption महत्वपूर्ण डाटा सुरक्षा की एक तकनीक है, जहाँ पर डिजिटल डाटा सॉफ्टवेयर/ हार्डवेयर और आवश्यक दस्तावेजो को एक एन्क्रिप्ट किये जाते है, जो Unauthorized Users और hackers को पढने में असुविधा हो| Authentication का उपयोग डेटा सुरक्षा का सबसे सरल तरीका है | Authentication करने के लिए users को एक पासवर्ड, या कोड या एक बायो मेट्रिक डेटा या किसी अन्य प्रकार के डेटा से सिस्टम में एक्सेस करने से पहले वेरीफाई करना होता है |

 Popular खतरे

 उपयोगकर्ता  को digital वर्ल्ड में जालसाजी या विभिन्न खतरों का सामना करना पड़ सकता है जो निम्न प्रकार है |

 

फ़ायरवॉल का उपयोग करना

         काफी लोग कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की अधिक जानकारी न होने के कारण अपनी जरूरत को पूरा नहीं कर पाते| यदि आप किसी संगठन के संचालक है या आपको इन्टरनेट का अधिक इस्तेमाल एक साथ कई कंप्यूटर में करना होता है तो आवश्यकता अनुसार फ़ायरवॉल का इस्तेमाल किया जा सकता है| यह हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेर दोनों होते है |

हार्डवेयर के रूप में प्रॉक्सी सर्वर का प्रयोग कर सकते है तथा सॉफ्टवेयर के रूप में एक अच्छा एंटीवायरस का (जिसमे फ़ायरवॉल की भी सुविधा हो) का इस्तेमाल कर सकते है |

Unpatched Software   

  कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले कई प्रकार के सॉफ्टवेर होते है जिसमे पुराने Version के सॉफ्टवेर भी होते है जो भिन्नताए रखता है | इस प्रकार के सॉफ्टवेर को प्रयोग करने से बचना चाहिए ये डेटा सुरक्षा के लिए सही नहीं हो सकते है| इसलिए सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट और अपग्रेड करना चाहिए |

Phishing

फिशिंग एक hackers के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाली एक तकनीक है | यानि यू कह ले की hackers के द्वारा हाथ से तैयार किया गया एक ईमेल होता है जिसमे अराजक कोड लिखे होते है जो आपके सिस्टम में खुलते ही आपके आवश्यक सूचनाओ को हैक कर लेता है| यह फिशिंग कहलाता है |



Internet/ Website

Internet का इस्तेमाल करते हुए हमें यह ख्याल रखना चाहिए की हम कही असुरक्षित ब्राउज़िंग तो नहीं कर रहे इसके द्वारा भी हमें डाटा की चोरी का खतरा रहता है,

            इन्टरनेट ब्राउज़िंग करते समय हमें यह ख्याल रखना चाहिए की हम किसी ऐसे वेबसाइट पर तो नहीं है जिस पर SSL (Secure Socket Layer) नहीं लगा हुआ, यदि आप बिना ssl वाली वेबसाइट पर जाते है और उसके किसी लिंक पर क्लिक करते है तो इससे भी आपकी गोपनीय जानकारी जाने का डर रहता है |

Removable Media

रिमूवेबल मीडिया का उपयोग जैसे फ़्लैश ड्राइव, Cd Drive या अन्य बाहरी मीडिया भी नेटवर्क पर डाटा की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है | यदि नेटवर्क सुरक्षा मजबूत नहीं है तो यह मीडिया नेटवर्क और मैलवेयर के बीच रास्ता तैयार करते है|

Virus

  यह एक प्रकार का मैलवेयर होता है जिसका उद्देश्य कंप्यूटर में डाटा को डिलीट करने उनको नुकसान पहुचाने और आवश्यक डाटा में परिवर्तन करने का होता है |

Trojan Horse

यह एक मैलवेयर का छोटा piece  होता है जो रिमोटली hackers को पहुचने में मदद करता है |

Bot/Botnet

यह एक प्रकार का स्क्रिपटेड सॉफ्टवेर प्रोग्राम होता है जो command पर कार्य करता है| जिनके command attackers  को रिमोटली कंट्रोल करने की अनुमति देता है और इसे Bot Header द्वारा नियंत्रित किया जाता है |  

कंप्यूटर वायरस क्या है ?

कंप्यूटर की बाहरी  सुरक्षा के साथ साथ आतंरिक सुरक्षा भी एक मुख्य समस्या है | कंप्यूटर आज का कंप्यूटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है परन्तु समस्या भी उतनी ही है क्यूंकि वायरस का संक्रमण इन्टरनेट व पेनड्राइव के प्रयोग करने से ही उत्पन्न होता है |

कंप्यूटर वायरस कंप्यूटर प्रयोगशाला में न चाहते हुए भी कंप्यूटर फाइल के माध्यम से एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में पहुच जाता है परन्तु कंप्यूटर नेटवर्किंग के इस युग में नए नए वायरस अपनी उपस्थिति दर्ज करा जाते है

कंप्यूटर वायरस संकेतिंग भाषा में लिखे गये प्रोग्राम्स होते है जो न चाहते हुए कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते है और कंप्यूटर डाटा को नुकसान पहुचाते है |

कंप्यूटर वायरस जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है “virus “ वायरस यानि जहा भी अंपनी उपस्थित दर्ज करा पता है वाही ही नुकसान करता है |

यह वायरस अपने आप ही बहुत सी डुप्लीकेट बना देता है तथा अन्य डुप्लीकेट डाटा को संक्रमित कर डेटा है फाइल्स तथा सूचनाओं का गायब कर देता है |

 

 

 

 

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